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आइये जाने युगांडा की संसद में गरजने वाले पहले गैर ब्रिटिश अध्यक्ष :स्व० नरेंद्र भाई पटेल जी के बारे में



स्व० नरेंद्र भाई पटेल ; युगांडा के संसद के पहले गैर ब्रिटिश अध्यक्ष

जीवनी:
- नरेंद्र का जन्म भारत में ही खेड़ा जिले के पिज नामक एक छोटे से शहर में हुआ था और यही पालन पोषण हुआ।

- वह एक ब्रिटिश वकील सर यू बोवेस ग्रिफिन और अस्थायी अध्यक्ष के रूप में पूर्व युगांडा के मुख्य न्यायाधीश के उत्तराधिकारी बने और बाद में 1963 में सर्वसम्मति से चुने गए।

- जब राष्ट्रपति मिल्टन ओबोट ने बुगांडा साम्राज्य के साथ बाहर निकलने के बाद संविधान को रद्द कर दिया उस समय वह एक अध्यक्ष थे और उन्होंने नये  “Pigeon Hole Constitution" की नीव रखी |

- वह पहले गणराज्य के अध्यक्ष भी थे जो साम्राज्यों पर प्रतिबंध लगाने के बाद बनाए गए थे।

- लेकिन पहले अध्यक्ष के तौर पर उनके पास ज्यादा शक्ति नहीं थी क्योंकि सरकार सभी निर्णय लेने के केंद्र में  स्वयं थी।

- नरेंद्र शासनकाल 1971 में समाप्त हुआ जब इदी अमीन ने सत्ता संभाली।

- दूसरी संसद में सेवा देने के बाद, उन्होंने 1972 में यूगांडा देश छोड़ दिया जब अमीन शासन ने एशियाई लोगों को निष्कासित करने का आदेश दे दिया |
दिनांक 16 दिसम्बर 2012 को लम्बी बीमारी के बाद भारत के बड़ोदा में उनकी मृत्यु हो गई और वही उनके शरीर का अंतिम  संस्कार किया गया।


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