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37% कृषक-कुर्मी कुल वंसजों का क्यूं आज राजनितिक वजूद हासिये पर है ? पढ़े इस विवेचना को और अपने विचार कमेन्ट में जरुर लिखे

37% कृषक-कुर्मी कुल वंसजों का क्यूं आज राजनितिक वजूद हासिये पर है ? 
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"भारत एक कृषि प्रधान देश है |"
यह लाइन देश का हर युवा अपने जीवन में ना जाने कितनी बार लिखा और पढ़ा होगा अपने स्कूल के दिनों में | यह लाइन पूर्णत: सत्य है | जितनी कृषि योग्य भूमि एवं जलवायु भारत देश में है उतनी विरले ही देश में होगी |

पुरातन समय से कर्म आधारित जातियों में से कृषक समाज की एक महत्वपूर्ण कड़ी रही है | यह प्रजाति स्वाभिमानी मेहनतकश एवं भूस्वामी रही है |
कुर्मी - देश की आबादी का लगभग 37% प्रतिनिधित्व करते हैं। वे भारत के विभिन्न राज्यों के विभिन्न नामों में फैले हुए हैं। उत्तर-पूर्व राज्यों के अलावा, वे अन्य राज्यों में एक प्रमुख जाति हैं। आज यह प्रत्येक राज्य में आर्थिक परिदृश्य में अलग अलग कैटागिरि में सूचीबद्ध है | कुछ पिछड़े राज्यों में यह SC/ST में भी आती है |कुछ में OBC में तो कही सामान्य में आते है | कृषक जाति ने वास्तव में देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

आज देश की राजनितिक उथल पुथल ने कृषको को हासिये पर लाकर खड़ा कर दिया है | आज़ादी के बाद से सरकारें बदलती रही पर किसान के हालत में कोई सुधार नहीं हुआ । किसान स्वयं हमेशा ही राजनीति से दूर रहा और राजनेताओं द्वारा ठगा गया ।
इस सम्बन्ध में केन्द्रीय मंत्री श्रीमती अनुप्रिया जी का कहना सर्वथा उचित ही है “अब समय आ गया है जब किसान और उनके बच्चों को राजनीति आना होगा ताकि किसान ख़ुद अपनी नीतियाँ बना सके ।




कृषक - कुर्मी वंसज उपनामों का भंडार:
कुर्मी- के प्रमुख उपनाम और जाति निम्न हैं:
राजवाडे, चन्द्रकर, चौधरी, चन्द्र, चंद्रवंशी, पटेल, पाटीदार, पाटणवार, कडवा, लावा, उत्तम, रेड्डी, नायडू, निरंजन, वाकक्लीगर, कुनबी, कांजी, कुतुम्बी, कुडूमी, कुलमी, कुलम्बी, कुलवाडी, कपू और काम - सभी एक जाति के हैं, जिन्हें आमतौर पर 'कुर्मी' या 'कुनबी' कहा जाता है।
कुर्मी के आम उपनाम या परिवार के नाम में सिंह, सिन्हा, चौधरी, राठौर, पटेल, वर्मा, कटियार, निरंजन, गंगवार, पवार, पाटिल, भोसले, रेड्डी, गौड़ा, मोहनता, सिंधिया, नायडू, महतो, सचान, कनौजिया, जिचकर, वानखेड़े, चव्हाण, राउ, मीन, जेना, राउत, रुद्र, पिरिडा, समल, स्वैन, नायक, गदनान्यक, ढाल, ढलसमंत, प्रधान, सामंतरा, सुंदरय, उश्रय, बुलारीसिंग, गुमांसिंघ, पत्रा, रे, सेनापति, दास, महंत, मांगी, भोई, भोल और कुछ और मध्य और पश्चिमी ओड़िशा में कुर्मी जाति में अन्य जातियों के शामिल हैं जैसे पैकास, चासास, दुम, अघारिया, कुलतास, राजस आदि।


कुर्मियों में आपसी खींचातानी की वजह से समाज आगे बढ़ने के बजाय स्वयं नकारात्मक चीजो में घिर जाता है और दुसरे के आगे बढ़ने से रोकने के चक्कर में स्वयं उन नकारात्मक चीजो में घिर के रह जाता है |
शासन सत्ता किसी भी समाज के तीव्र चहुमुखी विकास में सहायक होती है |
समाज को सिर्फ इस चीज का चिंतन करना चाहिए कि कैसे समाज की राजनितिक भागीदारी  बढाई जाये |

उत्तर प्रदेश में :
सपा ओबीसी में यादवो को मजबूत करती है और इसका नेतृत्व यादव के हाथ में है | बसपा SC /ST में जाटवों को मजबूत करते है जिसका नेतृत्व जातव के पास है | बीजेपी और कांग्रेस मतलब : फॉरवर्ड जातियों की राजनीति करती है |कुर्मी सभी राजनितिक दलों में कोसिसे कर चूका परन्तु सभी ने अभी तक कृषक कुर्मियो को अनदेखा किया कारण कुर्मी हमेशा नेता बनाने में लगे रहे नेतृत्व पड़ा करने का कभी नहीं सोचे |
आज उ०प्र० में कुर्मी नेतृत्व वाले दल के रूप में सामाजिक न्याय की राजनीती करने वाले अपना दल अपना वजूद मजबूत कर रहा है | आज इसे कृषक समाज का जबरदस्त सहयोग मिल रहा है | कमेरों, मजदूरों , किसानो के मसीहा डॉ सोनेलाल पटेल जी की बेटी अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व में एकबार फिर से कुर्मी समाज जाग उठा है अनुप्रिया जी भी किसान समाज के हक़ की लड़ाई बराबर लड़ती रही है | एक पढ़ी लिखी और सकारात्मक राजनितिक छवि अनुप्रिया जी स्वयम को लगातार राजनितिक पटल पर एक विश्व स्तरीय नेता के रूप में विकसित हो रही है | बीजेपी से गठबंधन करके लोकसभा चुनाव के पूर्व सांसद चुनी गयी | उसके बाद 5 जुलाई जो उनके बढ़ते कद को देखते हुए उन्हें केंद्र सरकार में स्वास्थ्य राज्यमंत्री बनाया गया | विधानसभा चुनावो में उनके राजनितिक कद का अहसास बीजेपी को तभी हो गया जब उनके रैली हेतु निर्धारित 40 स्टार प्रचारकों में से अनुप्रिया जी की रैलियों की मांग तीसरे नंबर पर रही | कुछ 54 जगह रैली की और जिसमे से कुल 49 जगह जीत हाशिल की | बीजेपी की सहयोगी के रूप में अपना दल अनुप्रिया जी के नेतृत्व में 11 सीटों पर चुनाव लड़ी जिनमे से  9 जगह अप्रत्यासित जीत हाशिल की | बाकि की दोनों सीटों पर भी अपना दल के उम्मीदवार कुछ वोटो से द्वतीय स्थान पर रहे |



झारखण्ड में :
प्रमुख पार्टी के रूप में JMM, बीजेपी, INC और आजसू है | जिनमे JMM का नेतृत्व आदिवासी |
 बीजेपी और INC फारवर्ड नेतृत्व
आजसू का नेतृत्व छात्र राजनीती से उभरे सुदेश महतो जी के पास है | जो की 2009 में प्रमुख रूप से छात्र राजनीती से मुख्य राजनीति में कदम रखी और प्रथम में ही 5 विधायको के साथ सुदेश महतो को उपमख्यमंत्री  बनाया गया | 2014 में पुनः पार्टी ने 8 में 5 सीटों पर विजय हाशिल की | उत्तर प्रदेश में अनुप्रिया जी की तरह ही सुदेश महतो को झारखण्ड में अप्रत्याशित समर्थन लोगों का मिल रहा है |

बिहार में :
बीजेपी , INC , RJD, JDU, LJP आदि प्रमुख राजनितिक दल है |
बीजेपी एवं INC का नेतृत्व फारवर्ड, RJD का नेतृत्व यादव , LJP में पासवान जी SC, पासवानो की राजनीति करते आये है |JDU का नेतृत्व कुर्मी कृषक वंसज नीतिस कुमार जी के पास है | जो की लगातार सामाजिक न्याय और सुसाशन को बिहार में स्थापित करने में लगे हुए है |

महाराष्ट्र में :
NCP का नेतृत्व शरद पवार जी के पास है जो की बहुत ही शसक्त राजनीति करते आये है |


आन्ध्रप्रदेश में :
TDP Telugu Desam Party- इसका नेतृत्व एक टेक्नोक्रैट के साथ साथ युवा राजनेता चंद्रबाबू नायडू जी के पास है जो कि प्रदेश को एक सही दिशा और दशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है |
(जन सेना पार्टी )- इसके प्रमुख मशहूर अभिनेता पवन कल्याण है |



ऊपर कुछ विचार लेखक के है यदि आप इससे सहमत हो तो कमेंट में अवगत कराये यदि सहमत नहीं है तो अपने विचार कमेंट में जरुर लिखे | प्रत्येक अच्छी जानकारी या बात को आगे इसी ब्लॉग में जोड़ा जायेगा लेखक ने नाम के साथ |

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