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कुर्मियों से हिंदुत्व की खेती करवायी गयी और अब सामंतवादी सवर्ण फसल काट रहे - पढ़ें आंखे खोलने वाला सच

कुर्मियों से हिंदुत्व की खेती करवायी गयी और अब सामंतवादी सवर्ण फसल काट रहे है।
कुछ कुर्मी सिर्फ इसलिए खुश है कि मोदी ने सरदार पटेल की विश्व मे सबसे ऊंची प्रतिमा लगवा दी।

आइये समझते है- जब भाजपा का कोई राजनैतिक व सामाजिक आधार नहीं था तब हिंदुत्व की अलख जगाने का ठेका कुर्मियों के पास था व सवर्ण और सामंतवादी ताकतें कांग्रेस के बड़े व छोटे नेताओं के रूप में राजनैतिक मलाई उड़ा रहीं थी।




1- केशुभाई पटेल गुजरात मे भाजपा के प्रभावशाली नेता थे, कुर्मियों व अन्य पिछडो के ब्यापक जन समर्थन से भाजपा की राजनीति को राज्य की बुलंदियों तक पहुँचाया। बाद में संघियों के कुटिल दिमाग ने कट्टर नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी के द्वारा केशूभाई पटेल की राजनैतिक हत्या करवाई।

2- गुजराती कुर्मी प्रवीण तोगड़िया विश्व हिंदू परिषद के फायर ब्रांड नेता थे उनके बिना भाजपा को हिंदुओं का ब्यापक जन समर्थन असम्भव था। जब 2014 में पहली बार भाजपा पूर्ण बहुमत से सत्ता में आयी तब प्रवीण तोगड़िया को दूध की मक्खी की तरह निकाल कर बाहर फेंक दिया गया।

3- विनय कटियार यूपी में हिंदुत्व और भाजपा का फायरब्रांड चेहरा हुआ करते थे, राम मंदिर आंदोलन से लेकर भाजपा को पिछडो में ब्यापक जनाधार के कुशल कारीगर। आज विनय कटियार की यूपी भाजपा में बहुत दयनीय स्थिति है।

4- ओम प्रकाश सिंह भाजपा यूपी में कुर्मियों और पिछडो के कद्दावर नेता थे और भाजपा सरकार में उनका प्रभावशाली कद था, लेकिन फिर पिछड़ा होने के कारण ओम प्रकाश सिंह जी को बड़ी सफाई से किनारे लगा दिया गया।

5- संतोष गंगवार जी 8 बार के सांसद को आज तक भाजपा ने कभी भी भारत सरकार में कोई महत्वपूर्ण मंत्रालय या कैबिनेट में दर्जा नही दिया, क्यों कि वह संघ की सामंतवादी मानसिकता के लिये उपयुक्त ब्यक्ति नहीं है।

6- हार्दिक पटेल, को देशद्रोह के बबुनियद आरोप में जेल में डाला और इस युवा नेतृत्व को लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने दिया | जिन कुर्मियों के दम पर भाजपा ने गुजरात मे कांग्रेस के किले को ढहा कर सत्ता पर कब्ज़ा जमाया बाद में उन्ही को ठिकाने लगाया और यह सिलसिला वर्तमान तक जारी है।

7- छत्तीसगढ़ से रमेश बैस जी जो कुर्मी है और 7 बार से सांसद थे इस बार चुनाव में उनकी भी टिकट काट दी गयी।

8- उन्नाव जिले में भाजपा के कद्दावर नेता,पूर्व विधायक एडवोकेट बाबू कृपाशंकर सिंह जी को भी भाजपा ने बहुत सफाई से किनारे लगा दिया क्यों कि उन्होंने भी सामंतवादी ताकतों के आगे कभी समर्पण नही किया,और पिछडो व दलितों की लड़ाई में सामंतवादी मानसिकता वाले गुंडों से हमेशा मोर्चा लेते रहे।

अब सबसे चिंतित करने वाली बात यह है कि अपनी मेहनत व बुद्धि के दम पर सिर्फ अपने परिवार का ही नही बल्कि देश का पेट भरने वाली कौम क्या सिर्फ धर्म और हिंदुत्व के नाम पर अपनी ही कौम का शोषण करवाती रहेगी? कब तक?

आज भाजपा में हर प्रभावशाली जगहों पर उन्ही सामंती सवर्णो का कब्जा है जिनके परिवार और बाप-दाद कभी कांग्रेसी हुआ करते थे और सत्ता की मलाई उड़ाते थे।
वीर शिवाजी के वंसजो यदि आप चाहते है कि आपको सम्मान की नजरों से देखा जाये तो अपने सम्मान और स्वाभिमान के लिये जीना सीख लो और अपने नेतृत्व वाले दल पार्टी को मजबूत करे व विचारधारा को बढ़ाये ताकि सभी आपके नेतृत्व को सलाम ठोके |




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