Header Ads

झारखंड का कुर्मी सुपुत्र " प्रबीर महतो " मैराथन अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में देश और समाज का नाम रोशन कर रहा है! महतो जी की सफलता की कहानी पढे और शेयर करे!


झारखंड का कुर्मी सुपुत्र " प्रबीर महतो " मैराथन अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में देश और समाज का नाम रोशन कर रहा है! महतो जी की सफलता की कहानी पढे और शेयर करे! 


रांची : चुटिया (रांची) के प्रबीर महतो विदेशी धरती पर होनेवाले मैराथन में अपनी पहचान बना रहे हैं.|  वह कई देशों में फुल मैराथन (करीब 42 किमी) दौड़ चुके हैं|.

शिक्षा
प्रबीर ने संत जेवियर स्कूल से प्लस टू करने के बाद एमएस रमैया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से केमिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली. 2013 में कोर्स पूरा करने के बाद कुछ महीनों तक नौकरी की|. इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही मैराथन दौड़ना शुरू किया|  2011-12 में रोहतक में आयोजित अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय क्रास कंट्री रेस में विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया.|

पुरस्कार भी जीते
आइटी सेक्टर की नौकरी छोड़ आगे की पढ़ाई के लिए इटली के पॉलिटेक्निक-डी मिलानो, विश्वविद्यालय गये.| यहीं मैराथन को पैशन के रूप में लेना शुरू किया.इटली में पढ़ाई के दौरान ही कई मैराथन में हिस्सा लिया.| पदक जीते. पहले मैराथन में मिला फिनिशर पदक प्रबीर बताते हैं कि इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन द्वारा मान्यता प्राप्त फामेंजी मैराथन फ्लोसेंस, इटली में उनका पहला मैराथन था.|
42.195 किमी की इस दौड़ में 12000 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया |. इसमें तीन घंटा 17 मिनट 27 सेंकेंड लगे.| इसमें रैंकिग 1066 थी.| इस दौड़ में फिनिशर का पदक दिया गया.|

ओलंपिक चैंपियन स्टीफानो बाल्डिनी ने बधाई दी थी.|  इस दौड़ में वह एक मात्र भारतीय प्रतिभागी थे|. 10 अप्रैल 2016 को प्रबीर ने रोम मैराथन में हिस्सा लिया.|  इस दौड़ में तीन घंटे आठ मिनट 25 सेंकेंड का समय लिया |. 14000 धावकों में 511वां स्थान.| इसमें वह सबसे कम उम्र के धावक थे.| एक जूते से करीब 800 किमी तक दौड़ सकते हैं | 

हाइकोर्ट के अधिवक्ता हरेंद्र महतो के पुत्र प्रबीर फिलहाल फ्रांस में पीएचडी कर रहे हैं.| स्कॉलरशिप मिली हुई है.| फिलहाल छुट्टी में रांची आये प्रबीर कहते हैं कि यह जुनून खर्चीला है.| उनके कोच अरथूर कोस्लावस्की हैं |. इनकी देखरेख में मैराथन की तैयारी चल रही है.| एकमैराथन दौड़ने के लिए काफी कठिन तैयारी करनी पड़ती है.| हर दिन कम से कम 20 किमी दौड़ना होता है.| सप्ताह में एक दिन 30-35 किमी दौड़ने के बाद ही 42 किमी की दौड़ में सफलता की उम्मीद है.| मैराथन के जूते की औसतन कीमत 20 से 25 हजार रुपये होती है.| विशेषज्ञ बताते हैं कि एक जूते से करीब 800 किमी तक दौड़ा जा सकता है.| एक मैराथन से दूसरे मैराथन के बीच का गैप कम से कम तीन माह होना चाहिए.| आने-जाने और रहने में करीब एक लाख रुपये खर्च हो जाता है.|

कोई स्पांसर नहीं होने से दौड़ने पर फोकस नहीं हो पाते हैं.| केन्या, इटली, इथोपिया में मैराथन कल्चर प्रबीर बताते हैं कि केन्या, इटली, इथोपिया आदि देशों में मैराथन का कल्चर है|. जैसे यहां लोग गप्प करने या जमा होकर चाय पीने जाते हैं, उसी तरह इन देशों में समय मिलते ही दौड़ने निकल जाते हैं.|  प्रबीर कहता है कि केन्या में मैराथन का प्रशिक्षण लेने की इच्छा है.| 

अभी खेलगांव में कर रहे हैं प्रैक्टिस 
रांची प्रवास के दौरान प्रबीर होटवार स्थित खेलगांव में प्रैक्टिस कर रहे हैं.| वह कहते हैं कि राजधानी की सड़कों पर बहुत भीड़ होने के कारण लंबी दूरी का प्रैक्टिस नहीं कर पा रहा हूं.| प्रबीर की अगली दौड़ नवंबर में होने वाली है.| इसकी तैयारी में वह जुटे हुए हैं.|

यहां दौड़ चुके हैं प्रबीर
देश
स्थान
समय
रैंक
तारीख
पोलैंड
स्क्रीसियन मैराथन
3:01:16
07
25 जून 2017
इटली
मिलानो मैराथन
2:56:49

166

2 अप्रैल 2017
स्पेन
वेलेंसिया मैराथन
2:56:56

834
20 नवंबर 2016
इटली
रोम मैराथन
3:08:25

511
10 अप्रैल 2016
इटली
फ्लोरेंस मैराथन
3:17:27

1066
29 नवंबर 2015









रोम मैराथन



KCI की तरफ से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें | 


लेखक : प्रभात खबर 
साभार - कुर्मी के बोल (Kurmi K Bol)

No comments

Theme images by konradlew. Powered by Blogger.