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महान स्वतंत्रता सेनानी एवं क्रान्तिकारी डॉ० गया प्रसाद कटियार जी पर India Post, भारत सरकार द्वारा जारी किया गया डाक टिकट, जाने इस महान क्रांतिवीर के बारे में

शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले |
वतन पर मरने वालो का यही बाकी निशां होगा ||


क्रांति सम्राट डॉ० गया प्रसाद कटियार जी को 117वीं जयंती पर शत - शत नमन |

शिवराजपुर ब्लॉक के जगदीशपुर गांव में रहने वाले भगत सिंह के साथी महान क्रांतिकारी डॉ. गया प्रसाद कटियार की स्मृति में 26 दिसंबर 2016 को भारत सरकार ने स्पेशल डाक टिकट जारी किया है।
यह कार्यक्रम नई दिल्ली स्थित डाक भवन के केन्द्रीय सभागार मे केन्द्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने जारी किया। इस अवसर पर क्रांतिकारी डॉ. गया प्रसाद के पुत्र क्रांति कटियार भी उपस्थित रहे। डाक टिकट जारी करने के बाद जगदीशपुर गांव में खुशी का माहौल है। गांव के लोगों ने एक दूसरे को मुंह मीठा करा कर खुशी मनाई। ग्रामीणो ने कहा कि क्रांतिकारी डॉ. गया प्रसाद ने हमारे गांव का नाम रोशन किया है।
डाक टिकट

स्पेशल कवर

जीवन परिचय :
क्रांति सम्राट डॉक्टर गया प्रसाद कटियार को 117वीं जयंती पर शत - शत नमन ( 20 जून 1900-- 10 फरवरी 1993 )

विदेशी सत्ता के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह के द्वारा भारत माता को गुलामी की बेड़ियों से आजाद करवाने में संघर्षरत रहे ,वीर सपूत क्रांतिकारी डॉ. गया प्रसाद कटियार को 24 वीं स्मृति दिवस पर उनको शत -शत नमन |

क्रांतिकारी डॉक्टर गया प्रसाद कटियार ने 1921 के असहयोग आंदोलन में भाग लेकर,  क्रांतिकारी पार्टी H.S.R.A. में प्रवेश किया | आप विभिन्न फर्जी नामों से देश के विभिन्न स्थानों पर दवाखाना खोलते थे | वस्तुतः उनका क्लीनिक पार्टी का अड्डा होता था ,जहाँ बम बनाने से लेकर पार्टी के दस्तावेज, साहित्य ,केंद्रीय कार्यालय व क्रांतिकारी योजनाएं बनाई जाती थीं | इसी क्रम में आपके फिरोजपुर क्लीनिक में साँडर्ष हत्याकांड हेतु सिख सरदार भगत सिंह के केश व दाढी काटे गए थे ( पिछले माह यह ऐतिहासिक इमारत अब पंजाब सरकार द्वारा राष्ट्रीय धरोहर घोषित हो चुकी है ) | भगत सिंह व बटुकेश्वर दत्त द्वारा जिन बमों को केंद्रीय असेंबली ( अब पार्लियामेंट ) में फेंका गया था , उन बमों का निर्माण भी आप की देखरेख में हुआ था |

अंततः क्रांतिकारी गतिविधियों को अंजाम देते हुए आप 15 मई 1929 को सहारनपुर बम फैक्ट्री का संचालन करते हुए गिरफ्तार हो गए और उनको प्रसिद्ध लाहौर षडयंत्र केस में आजन्म कैद की सजा दी गई ( इसी केस में सरदार भगत सिंह ,सुखदेव एवं राजगुरु को फांसी व अन्य को लंबी-लंबी सजाएं दी गईं )आप को ब्रिटिश हुकूमत ने देश की दर्जनों जिलों में कठोर यातनाएं देते हुए ( कालापानी जेल सहित ) अंततः 17 वर्षों बाद बिना शर्त रिहा किया |आप स्वतंत्र भारत में भी शोषित पीड़ित जनता के लिये संघर्षरत होने के कारण दो वर्षों तक जेलों के मेहमान रहे |

डॉ ० गया प्रसाद कटियार पर डाक टिकट जारी करने की लोकसभा में मांग करती केन्द्रीय मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल जी : विडियो देखें   :


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