ईमानदारी सादगी और सुशासन की मिशाल हैं झारखण्ड के IPS Indrajeet Mahatha (AIR-111)
ईमानदारी सादगी और सुशासन की मिशाल हैं झारखण्ड के IPS Indrajeet Mahatha (AIR-111)
ट्रांसफर हुआ तो लोगों ने विरोध में बंद करा दिए थे बाजार
इंद्रजीत महथा की एसपी के रूप में पहली पोस्टिंग सरायकेला में हुई | महज आठ महीने के कार्यकाल में महथा अपने इलाके में बेहद लोकप्रिय हो गए थे। ऐसे में उनके ट्रांसफर के खिलाफ स्थानीय लोग सड़कों पर उतर गए हैं और ट्रांसफर नहीं रोकने पर बाजार बंद करा दिए | दो दिन तक यहां के बाजार बंद रहे | डीसी-एसपी ने खुद जाकर लोगों को समझाया तब माने. महथा हटिया के एएसपी भी रह चुके हैं. इसके बाद इंडियन रिजर्व बटालियान के कमांडेंट और रेल एसपी रहे.।पढाई के दाैरान बिक गए थे 70 प्रतिशत खेत.
महथा के पिता किसान और मां हाउस वाइफ हैं| अपनी पढ़ाई के दौरान के संघर्ष को याद करते हुए इंद्रजीत महथा बताते हैं, " पढ़ाई के खर्च में जब 70 प्रतिशत खेत बिक गए तब पिता ने कहा था, तुम पढ़ो और पैसाें की चिंता न करो। जरूरत पड़ी तो मैं अपनी किडनी तक बेच दूंगा लेकिन तुम्हें पढ़ाऊंगा." एसपी ने बताया, " पैसाें की कमी के कारण मैं नई एडिशन की किताबें तक नहीं खरीद पाता था। पुराने एडीशन के किताबें किलो के भाव से खरीदते था। उसे ही पढ़कर आईपीएस बना।"
गुमशुदा लड़की को WhatsApp की मदद से ढूंढ निकाला :
जब 2015 इंद्रजीत महाथा साराइकेला के पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यरत थे, 31 मार्च 2015 को शाम 8 बजे उन्हें एक लड़की की गुमसुदगी की सूचना मिली। इस मामले में महाथा ने लड़की की फोटो WhatsApp पर अपने 6 महीने पुराने बनाये गए पुलिस ऑफिसर्स के ग्रुप में शेयर की तथा तुरंत ही अधिकारियों को सूचित कर सर्च ओपरेशन पर लगा दिया । लडकी के मोबाइल की लास्ट लोकेशन ट्रैस करने से जीआरपी अधिकारियों की एक टीम ने झारखंड के धनबाद रेलवे स्टेशन पर सुबारनरेखा एक्सप्रेस ट्रेन से एक घंटे के भीतर लड़की को बरामद किया।इसी तरह पिछली अन्य कई घटनाओ में भी पुलिस ने पिछले चार-पांच महीनों में व्हाट्सएप के जरिये सात से आठ बच्चों को बरामद किया है।आधी रात में मुफलर बांधे जेल निरिक्षण किया तो गार्ड ने बंदूक तानकर धमकाया - मार दूंगा गोली
पलामू के एसपी पद पर कार्यरत इंद्रजीत महथा एकदिन
आधी रात में सादे लिबास में सिक्योरिटी का जायजा लेने सेंट्रल जेल पहुंचे | एसपी सिर पर मफलर बांधे हुए थे। उन्हे देख कर वहां का कोई पहचान नहीं पाया तो वहां तैनात गार्ड हरकत में आकर चिल्ला उठा | उसने एसपी को राइफल तानकर पूछा कौन है? पहचान बताओ, नही तो गोली मार देंगे, कोई नहीं बचाएगा |
एसपी ने आधी रात 12:30 बजे शहर की सिक्युरिटी का जायजा लिया | |
टेस्ट में सफल गार्ड को एसपी ने दिया पुरस्कार
एसपी के साथ मात्र एक बॉडीगार्ड था, वो भी सादे लिबास में था, उसने गार्ड को बताया कि वे एसपी है लेकिन गार्ड ने नहीं माना. एसपी पर राइफल तान दी. गार्ड ने उस दिन का सीक्रेट कोड पूछा. एसपी ने जैसे ही कोड बताया, गार्ड ईश्वरी यादव ने तत्काल जय हिन्द कहते हुए मेन गेट पर आकर एसपी का स्वागत किया | गार्ड की सतर्कता से खुश होकर एसपी ने उसकी तारीफ की और पुरस्कृत करने की घोषणा की | एसपी ने बताया कि वे कड़ाके की ठंड के बाद भी आधी रात सिर्फ जवानों का हौसला बढ़ाने निकले थे क्योंकि पुलिस जवान बेहद विपरीत स्थितियों में ड्यूटी करते है |
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